अतिवृष्टि से सोयाबीन और अन्य फसलों में हुआ नुकसान:सर्वे शीघ्र कराने की मांग को लेकर भाकियू ने कलेक्टर और मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन

 खातेगांव 

बुधवार को खातेगांव में भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी भी दी कि उनकी मांग शीघ्र नहीं मानी गई तो किसानों को सड़क पर उतरकर आंदोलन करने पर विवश होना पड़ेगा।

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि क्षेत्र में पिछले 2 महीने से बारिश का दौर जारी है। सोयाबीन की बुवाई बड़े हिस्से में की गई है। लंबे समय तक लगातार बारिश होने के कारण सोयाबीन की फसल में कीट, बीमारी सहित मोजेक वायरस का भी प्रकोप हुआ है, जिससे सोयाबीन का उत्पादन 65 से 80 प्रतिशत तक गिरने की संभावना है। कीट और बीमारियों के नियंत्रण में उपयोग की गई पेस्टिसाइड्स और फफूंद नाशक दवाइयों का बारिश होते रहने से कोई परिणाम नहीं मिला। जिससे किसान के ऊपर आर्थिक भार बढ़ने के साथ ही फसल उत्पादन में कमी से दोहरी मार पड़ी है। जलभराव के कारण सोयाबीन की फसल का उचित प्राकृतिक विकास भी नहीं हो सका। पौधों की ऊंचाई और फुटाव में भारी कमी देखने को मिल रही है, जिससे सोयाबीन की फसल में लागत भी निकलना मुश्किल है। किसान काफी चिंतित और आगामी रबी सीजन की तैयारियों को लेकर परेशान भी है।

सोयाबीन की फसल प्राकृतिक कारणों से नष्ट हुई है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार किसान के फसल में हुए नुकसान की भरपाई इस बीमा योजना के माध्यम से की जाना चाहिए। नर्मदा और नदियों के किनारे बसे गांव में जहां बाढ़ की स्थिति से फसलों और जनधन की हानि को देखते हुए सहायता मुहैया कराई जाए। किसानों को अतिवृष्टि से हुए आर्थिक नुकसान का शीघ्र सर्वे कराया जाकर, राहत राशि और बीमा राशि योजनानुसार उनके खातों में डाली जाए। जिससे किसान आगामी रबी सीजन की फसल बुवाई की तैयारी कर सके। चिंतित किसानों के साथ भारतीय किसान यूनियन, सम्पूर्ण जिले में हर ब्लाक स्तर पर धरना प्रदर्शन कर सड़कों पर उतरने को विवश होंगे, जिसकी सभी जवाबदेही शासन और प्रशासन की होगी।

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