स्ववित्तीय व जनभागीदारी शिक्षकों को मिली निराशा शीघ्र बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी !

 जनभागीदारी एवम् स्ववित्त अतिथि विद्वानो को फिर एक बार निराशा ही हाथ लगी। 


उच्च शिक्षा विभाग में मंत्री और ओ एस डी के बीच ताल मेल नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री के समक्ष जनभागीदारी एवम् स्ववित्त अतिथि विद्वानो का पक्ष रखने में असमर्थ रहे। एक तरफ रिक्त पदों के अतिथि विद्वानों को मानदेय में वृद्धि और पीएससी में 25 प्रतिशत आरक्षण का आश्वासन मिला वहीं जनभागीदारी एवम् स्ववित्त अतिथि विद्वानो को निराशा हाथ लगी।

  • पूरे मध्य प्रदेश में शासकीय महाविद्यालयों में लगभग 7300 अतिथि विद्वान हैं जिनकी जानकारी कल 10 सितंबर 2023 को आयुक्त कार्यालय ने मांगी किंतु उक्त जानकारी को मंत्री महोदय के साथ सांझा नही किया गया जिसकी वजह से जनभागीदारी एवम् स्ववित्त अतिथि विद्वान महापंचायत का हिस्सा नहीं बन पाएं।

विदित हो की रिक्त पद पर कार्यरत अतिथि विद्वानों और जनभागीदारी से कार्यरत अतिथि विद्वानों की चयन प्रक्रिया के मापदंड एवम् सेवा नियम एक जैसे हैं फिर भी आज तक उच्च शिक्षा विभाग कोई ठोस नीति नहीं बना पाया । आज अतिथि विद्वानों की महापंचायत में हुए सौतेले व्यवहार से जनभागीदारी एवम् स्ववित्त अतिथि विद्वानों में निराशा और रोश है। महापंचायत में शामिल न किए जाने पर जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने मुखमंत्री जी से मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन प्रशासन लगातार गुमराह करता रहा और सीएम हाउस पर पुलिस अधिकारी वर्ग ने महिला अतिथि विद्वानों से असभ्य भाषा में बात की । एक वर्ग को 50000 और एक वर्ग को 5000 ये विसंगती दूर होनी चाहिए जो भी नीति रिक्त पदों के विरुद्ध कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए बनाई जा रही है वही स्ववित्त एवं जनभागीदारी से कार्यरत अतिथि विद्वानों पर भी लागु हो। अनुभव और सेवा में आरक्षण का लाभ मिले । 

 

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