कांग्रेस पर सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण का आरोप पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा पर कांग्रेस का बड़ा हमला l
कांग्रेस पर सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण का आरोप पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा पर कांग्रेस का बड़ा हमला
कहा-हिम्मत हो तो इन प्रश्नों का जबाव दें: के.के. मिश्रा
प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने आज भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा द्वारा 22 जनवरी को अयोध्या में भाजपाई राजनैतिक धार्मिक समागम में कांग्रेस की वरिष्ठतम नेता श्रीमती सोनिया गांधी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा शिरकत नहीं किये जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी पर सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण की गारंटी जैसे गंभीर आरोप लगाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्हें चुनौती दी है और कहा है कि यदि वे सच्चे रामभक्त और सनातनी हैं तो हिम्मत के साथ कांग्रेस के इन 10 प्रश्नों का जबाव दें।
(1) अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा जैसे शुभकार्य पौष मास में करने की सलाह किस धर्माचार्य ने दी?
(2) अधूरे निर्माण में रामलला की प्रतिष्ठा क्यों, किसलिए?
(3) जब सनातन धर्म में हमारे चारों पीठ के पूज्य शंकराचार्य मौजूद हैं तो प्राण प्रतिष्ठा नरेंद्र मोदी जी के हाथों क्यों?
(4) सनातनी मान्यताओं में और राम चरित मानस के अनुसार प्रभु श्रीराम चैत्र मास की नौमी को प्रकट हुए तब क्या उनकी प्राण प्रतिष्ठा रामनवमी को नहीं की जा सकती थी, प्राण प्रतिष्ठा पौष माह में ही क्यों? रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि:-
‘नौमी तिथि मधुमास पुनीता। शुक्ल पक्ष अभिजित हरि प्रीता।।
क्योंकि अप्रैल में लोकसभा चुनाव है’...?
(5) सनातन धर्म (सप्तपदी ग्रंथ) में उल्लेखित है कि तीर्थ, व्रत और यज्ञ पत्नी के बिना अधूरा है, इस महत्वपूर्ण समागम के मुख्य यजमान माननीय श्री नरेन्द्र मोदी इस धर्म का अनुसरण करेंगे? क्योंकि शास्त्रों में स्त्री के बिना धार्मिक अनुष्ठान कार्य वर्जित हैं। सप्तपदी ग्रंथ के ही अनुसार:-
तीर्थव्रतोद्यापन यज्ञकर्म मया सहैव प्रियवयं कुर्याः।
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रवीति वाक्यं प्रथमं कुमारी।।
(6) राम मंदिर न्यास के ट्रस्टी श्री चंपतराय और श्री नृपेंद्र मिश्र के कथनानुसार इस प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने वाले पूज्य जगतगुरू शंकराचार्य जी रामानंदी सम्रदाय के नहीं हैं, यह मंदिर रामानंद संप्रदाय का है! क्या चंपतराय जी और नृपेंद्र मिश्र जी रामानुजाचार्य है? जो ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं सर्वोसर्वा हैं। क्या यह सत्य है कि एक संघी दूसरा नौकरशाह है?
(7) अयोध्या में काबिज हमारे आस्था के प्रतीक रामलला की प्राचीन मूर्ति की चर्चा आज क्यों नहीं हो रही है?
(8) यह पूरा कार्यक्रम आरएसएस, भाजपा और श्री नरेंद्र मोदी को समर्पित है। यह भाजपा ने ही स्पष्ट कर दिया है। किसी भी परिवार में जब कोई मांगलिक कार्य होता है तब उसके परिजन रिश्तेदारों के घर पीले अक्षत बांट कर उन्हें आमंत्रित करते हैं। इस राजनैतिक धार्मिक समागम को लेकर घर-घर अक्षत बांटने वाले भाजपाई, संघी कौन..?
(9) श्री वी.डी. शर्मा ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में श्री नरेन्द्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत का उल्लेख करते हुये उनकी उपस्थिति में कार्यक्रम किये जाने का जो वक्तव्य दिया है। स्पष्ट है कि वी.डी. शर्मा और भाजपा/ संघ के लिए धर्माचार्य भी नरेन्द्र मोदी और भागवत हैं। जबकि इस देश के करोड़ों लोगों की आस्था सनातन धर्म के सर्वोच्च चारों शंकराचार्यों एवं विभिन्न वैष्णवों संप्रदाय के धर्मगुरूओं के प्रति है। यही कांग्रेस और भाजपा का अंतर है?
(10) यदि संघ, भाजपा और वी.डी. शर्मा की निगाह में कांग्रेस इस विषयक सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण की गारंटी है तो चारों पीठों के पूज्य जगतगुरू शंकराचार्य जी जो इस समागम को स्वयं धर्म और शास्त्र विरोधी बताते हुये कार्यक्रम में भाग लेने से इंकार कर दिया है, क्या वे भी सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण की गारंटी हैं?
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