करीब 20 साल से बंद मेला अब होगा धीरे धीरे चालू धाराजी l

       करीब 20 साल से बंद मेला अब होगा धीरे धीरे चालू धाराजी l

2005 में हुई दर्दनाक हादसे के बाद मध्य प्रदेश शासन द्वारा लगाई गई धारा 144 हजारों श्रद्धालुओं को नर्मदा स्नान के लिए वंचित कर रही थी गत वर्ष विधायक श्री पहाड़ सिंह जी कन्नौज द्वारा 3 करोड़ की लागत से नवीन धारा जी घाट का उद्घाटन और 144 धारा हटवाकर धारा जी मेले का आयोजन फिर से किया गया श्रद्धालुओं की माने तो 2005 में इस मेले का एक विशाल रूप देखने को मिलता था लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां नर्मदा में अमावस पूर्णिमा के दिन स्नान और ध्यान करने के लिए घाट पर एकत्रित होते थे तंत्र मंत्र विद्या के साधन भी इसी दिन आपको मां नर्मदा के तट पर देखने को मिलेंगे  बागली तहसील से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धारा जी में मां नर्मदा के घाट पर अमावस मेले का आयोजन हो रहा  l

इस वर्ष सोमवार को आई इस अमावस को सोमवती अमावस के नाम से भी जाना जाता है अमावस में धारा जी के घाट पर श्रद्धालु गण मां नर्मदा के श्री चरणों का आशीर्वाद लेने अपने परिवार सहित आकर पूजा अर्चना करते नजर आए कई श्रद्धालु अमावस के एक दिन पूर्व ही धारा जी अपने निजी वाहन से पहुंचे परिवार सहित पूजन अर्चन कर भजन करते तट पर नजर आए 

पिपरी से धारा की मुख्य मार्ग निजी वाहनों से भरा हुआ था कई जगह जाम जैसी स्थिति भी बनी रही क्षेत्र के मूल निवासी और श्रद्धालुओं के आपसी सहयोग से वाहनों का आवागमन बना रहा पुलिस प्रशासन द्वारा वाहनों को घाट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही पार्किंग बनाकर सुनिश्चित खड़ा करवाया गया

 स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी कैंप लगाकर आने जाने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखरेख की सुनिश्चित व्यवस्था की गई थी 

जटाशंकर सेवा समिति  तथा ब्रह्मलीन श्री केशव दास जी फलाहारी बाबा द्वारा अमावस के एक दिन पूर्व से भंडारे का आयोजन किया गया 8 मार्च की सुबह आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जटाशंकर सेवा समिति द्वारा 21 क्विंटल पोहे का आयोजन भी रखा गया था भंडारे मैं हजारों श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसादी ग्रहण कर मां नर्मदा और जटाशंकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया 


दूर दराज से आए हुए श्रद्धालु गण सुबह होते ही घाट पर स्नान कर अपने परंपरागत रूप से पूजा अर्चना करते दिखाई दिए मान्यता यह भी है कि इस अमावस्या को जिस व्यक्ति के शरीर में भूत पिशाच का निवास होता है उन्हें भी आज ही के दिन मां नर्मदा का स्नान करने से इस अवांछित शक्तियों से मुक्ति मिलती है इसीलिए क्षेत्र में यह अमावस्या भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी विख्यात है आज के दिन मां नर्मदा के तट पर हजारों की संख्या में भूत और पिशाच को भगाने की साधना भी देखने को मिलती है

धारा जी के तट से कुछ ही दूरी पर स्थित है सीता माता मंदिर यह मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है बताया जाता है यहां सीता माता में लव कुश को जन्म दिया था इस मंदिर में एक छोटी सी प्राचीन बावड़ी है इस बावड़ी के जल को पीने से शरीर के कई रोग मर जाते हैं मान्यता है कि कई श्रद्धालु गण इस जल को पीने के लिए सीता माता मंदिर आते हैं प्राकृतिक गोद में अपने अंदर कई राज लिय यह मंदिर श्रद्धालुओं का केंद्र बना रहता है क्षेत्र वासियों की माने तो धारा जी के घाट पर लगने वाला यह मेल 2005 के बाद से बंद है गत वर्ष विधायक जी के यथात प्रयास के बाद इस मेले का आयोजन पुन हुआ है प्रशासन द्वारा शक्ति से मिले की व्यवस्था बनाई जा रही है मेला क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार का एक अच्छा साधन है व्यापारिक गण मेले के पुणे शुभारंभ से खुश नजर आए l

बागली से धड़कन न्यूज रिपोर्टर प्रभाकर त्रिपाठी की रिपोर्ट 

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