शीतला सप्तमी पर्व पर से होता है नेवरी में मेला प्रारंब l

शीतला सप्तमी पर्व पर कई क्षेत्रों में जलते अंगारों पर चलने की परंपरा आज भी कायम है। बताया जाता है कि महिलाएं विभिन्न प्रकार की मन्नतें रखती है और जब वह पुरी हो जाती है तो फिर महिलाएं जलते अंगारों पर चलती है।


दरअसल हाटपिपलिया शहर से 10 किलोमीटर दूर ग्राम नेवरी में आज भी वर्षों पुरानी पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए यहां के ग्रामीण अपनी मन्नते पुरी होने पर कंडे के अंगारों पर चलते है। सप्तमी से यह पर नेवरी में साथ दिन का  मेला भी लगता है जो इस बार  ( 1 अप्रैल सोमवार से 7 अप्रैल रविवार ) तक रहेगा हर वर्ष ग्राम नेवरी अंदर बाजार में मेला लगता था पिछले साल से मां लाल बाई फूल बाई बरोठा फाटा पर इसे शिफ्ट किया जगह कम होने के कारण मेला बरोठा फाटा पर लगाना चालू किया मेले के चलते मां लाल बाई फूल बाई मंदिर पर यज्ञ भी होता है  जिसमें नेवरी रोजडी महुखेड़ा मुंडला बोरखेड़ा खटिया पोनाशा अरलावदा मानकुंड और आस पास के छेत्र के करीब 20 से 25 गांव के मेले में व माता जी के मंदिर के दर्शन कर आनद लेने आते है l 

ऐसा बताया जाता है कि जलते अंगारों पर चलने के बाद भी महिलाओं के पैर में कुछ नहीं होता है। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि करीब बहुत सालों से अधिक समय से यहां मेला लगता है और चूल चलने की परंपरा है। जिसमें आज भी ग्रामीण बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं और गड़ महाराज की पूजा करते हैं।

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