4 अक्टूबर के बाद चुनाव की घोषणा कभी भी:दिवाली से पहले हो सकती है वोटिंग; सितंबर में ज्यादातर नाम घोषित कर देंगी भाजपा-कांग्रेस

इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन देशभर की नजरें मध्यप्रदेश पर टिकी हैं। संभावना है कि निर्वाचन आयोग 4 अक्टूबर के बाद कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। दिवाली के पहले वोटिंग हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो उम्मीदवारों को त्योहार के बीच प्रचार के लिए सड़क पर नहीं उतरना पड़ेगा। पिछले चार चुनाव पर नजर डालें तो दिवाली के बाद ही विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन इस बार चुनाव आयोग की तैयारियों और पार्टियों के रुख से लगता है कि इस बार दिवाली के पहले चुनाव हो सकते हैं। आइए, जानते हैं दिवाली से पहले वोटिंग की संभावना कितनी और क्यों है?

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत बताते हैं कि आयोग और मैदानी स्तर पर तैयारियां जल्दी पूरी हो जाएं तो चुनाव तय समय से पहले भी कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के प्रकाशन की अंतिम तारीख 4 अक्टूबर तय कर दी है। इसके बाद कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है।

वहीं, कुछ जानकार कहते हैं कि आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव कराने की प्रक्रिया में न्यूनतम 48 दिन का समय लगता है। चुनाव कार्यक्रम का ऐलान जल्दी हो सकता है, लेकिन इसके लिए आयोग को ज्यादा कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, चुनाव की प्रक्रिया बहुत ही जटिल होती है। इसमें बड़े पैमाने पर मैन पावर की जरूरत होती है। यदि चुनाव जल्द कराना है तो सबसे पहले कलेक्टरों से पूछना होगा कि तैयारियां किस स्तर पर हैं?


आयोग 24 अगस्त को छत्तीसगढ़ में चुनावी तैयारियों का जायजा लेगा। अगर आयोग को लगता है कि तैयारी पूरी है तो इसके बाद वह चुनाव करा सकता है। छत्तीसगढ़ के बाद आयोग मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम का दौरा करेगा। वे कहते हैं कि यदि चारों राज्यों में चुनाव आयोग एक-एक सप्ताह के लिए दौरा करता है तो एक महीना लग जाएगा। मतलब ये है कि सितंबर के अंतिम सप्ताह में आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करने की स्थिति में होगा।

तैयारी सितंबर में पूरी हो जाए तो दीपावली से पहले हो सकता है मतदान
जानकार कहते हैं कि किसी भी चुनाव की पूरी प्रक्रिया कराने के लिए 6 महीने का वक्त होता है। इस बार जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मतलब ये है कि वोटर लिस्ट, मतदान केंद्र, पुलिस फोर्स, प्रशासनिक अफसरों की तैनाती को पुख्ता किया जाता है। इसके बाद ही आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है। यदि सितंबर के अंत में तैयारियां पूरी हो जाती हैं तो आयोग 4 से 10 अक्टूबर के बीच चुनाव कार्यक्रम जारी कर सकता है। ऐसे में दीपावली के पहले यानी 7 से 9 नवंबर के बीच मतदान हो सकता है, क्योंकि 2008 के चुनाव में 14 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी और 33 दिन बाद 27 नवंबर को मतदान हुआ था।


राजनीतिक दल इसलिए चाहते हैं दीपावली से पहले हो जाए मतदान

ऊपर हमने समझा कि किस आधार पर निर्वाचन आयोग दिवाली के पहले चुनाव करा सकता है। राजनीतिक पार्टियों की तैयारियों से भी इस बात को बल मिलता है। एक पार्टी के रणनीतिकार कहते हैं कि पिछले चार चुनाव का ट्रेंड देखें तो दीपावली के 22 से 30 दिन बाद मतदान हुए हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार में त्योहार का ज्यादा असर नहीं पड़ा, लेकिन इस बार दीपावली महीने के बीच में (12 नंवबर) को है। यानी इस बार यह समय चुनाव प्रचार पीक का होगा। बड़े नेताओं की सभाओं और रैलियों में अपेक्षाकृत पब्लिक कम हो सकती है। इस दौरान क्रिकेट वर्ल्ड कप के मैच हैं। ये मैच दोपहर 2 बजे शुरू होंगे, जबकि रैलियों का समय भी यही होता है। यदि दीपावली से पहले मतदान होगा तो राजनीतिक दलों को फायदा होगा।

भाजपा: सितंबर में कर सकती है उम्मीदवारों की घोषणा

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि सितंबर के अंत तक हारी हुई बाकी सभी 64 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है। बीजेपी के चुनाव प्रबंधन और संचालन को लेकर एक बैठक 23 से 25 अगस्त के बीच भोपाल में होगी। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, मप्र चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह प्रभारी अश्विनी वैष्णव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य नेता मौजूद रहेंगे।

यदि बैठक में उम्मीदवारों के चयन को लेकर कोई फैसला होता है तो पैनल तैयार कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। इसके लिए अन्य राज्यों के विधायकों की रिपोर्ट का आकलन किया जाएगा। ये विधायक 30 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप देंगे। ऐसे में यह भी संभव है कि अगले 15 दिन में एक लिस्ट जारी हो जाए। बता दें कि वर्तमान विधानसभा में बीजेपी के पास 230 में से 127 सीटें हैं।

कांग्रेस: 100 से अधिक सीटों पर नाम घोषित करने की तैयारी

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर को भोपाल में होगी। इसमें प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला भी मौजूद रहेंगे। बैठक में पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे की रिपोर्ट पर तैयार पैनल पर मंथन किया जाएगा।

माना जा रहा है कि कांग्रेस सितंबर में 100 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। करीब 56 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 15 सितंबर से पहले जारी हो सकती है।

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