इंदौर विकास प्राधिकरण की झांकी में हनुमान द्रोणागिरी पर्वत हाथ में लिए थे।
इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियों का 101वां साल पूरा हो गया। मंगलवार की पूरी रात इंदौर ने रतजगा किया। 12 घंटे में झांकियों ने 6 किमी का सफर पूरा किया। झांकी मार्ग पर दो लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। इनमें कई लोग दूसरे शहरों से भी आए थे। पूरी रात महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
पूरी झांकी मार्ग पर सुरक्षा के लिए 3 हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे। ड्रोन से निगरानी की गई। दरअसल, इसी साल 4 जनवरी को रणजीत हनुमान की प्रभात फेरी में युवक की हत्या के बाद पुलिस अलर्ट थी। इसलिए अखाड़ों को भी हथियार लाने पर पाबंदी लगाई गई थी।
मंगलवार शाम चिकमंगलूर चौराहे से शुरू हुआ झांकियों का कारवा सुबह अपने गंतव्य भंडारी ब्रिज तक पहुंचा। झांकियों का जगह-जगह स्वागत किया गया। लोग घरों की छत और गैलरियों से पुष्प वर्षा करते नजर आए।
इंदौर में देर रात झांकियां जेल रोड से आगे बढ़कर छत्रियों की ओर पहुंची। इन्हें निहारने के लिए इंदौर सहित आसपास से 2 लाख से अधिक लोग जुटे थे।
मंत्री ने भजन गाया, युवकों ने किया गरबा
झांकी में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भजन गाए। किन्नरों ने झांकी पर पुष्प वर्षा की। उज्जैन से आई युवकों को टोली ने गरबा किया। अखाड़ों की ओर से छोटे-छोटे बच्चों और युवतियों ने करतब दिखाए। यह सिलसिला पूरी रात चलता रहा। देर रात बारिश होने लगी तब भी लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिखी।
बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने का दिया संदेश
कोलकाता में डॉक्टर के रेप और मर्डर के दर्द को भी झांकियों में दिखाया गया। एक झांकी में लेडी डॉक्टर को गुंडों से मुकाबला करते हुए दिखाया गया। इसमें संदेश दिया गया कि बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाना चाहिए। इस दौरान लोग 'बेटी डॉक्टर बनी पर बची नहीं' के बैनर हाथ में लिए चल रहे थे।
101 वें साल में निकलीं ये 10 प्रमुख झांकियां
खजराना गणेश मंदिर की झांकी पर्यावरण की रक्षा और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाली थी। मंदिर की ओर से भगवान गणेश द्वारा शिव-पार्वती की परिक्रमा करते हुए भी झांकी भी बनाई गई थी।
नगर निगम की झांकी का ये 29वां साल था। इसमें सफाई मित्रों के योगदान, योग-प्राणायाम को बढ़ावा देते हुए झांकी शामिल की गई। हरियाली महोत्सव, निगम के डिजिटाइजेशन को भी प्रदर्शित किया।
इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) की झांकी का यह 27वां साल था। इसमें शहर में चल रही योजनाओं के अलावा राम भक्त हनुमान की भक्ति समेत अन्य झांकी दिखाई गई।
मालवा मिल की झांकी का यह 90वां साल है। कुल तीन झांकियों में से पहली राष्ट्रीय एकता, भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप और तीसरी झांकी में सीताराम का स्वयंवर दिखाया गया।
सबसे पुरानी हुकुमचंद मिल की झांकी का यह 101वां साल था। इसकी तीन झांकियों में सत्यम शिवम सुंदरम गीत, भगवान श्री कृष्ण का जन्म और श्रीकृष्ण-इंद्र के बीच हुए युद्ध को दिखाया गया।
कल्याण मिल की झांकी का ये 95वां साल था। इसमें मां कालका को रक्तबीज राक्षस का वध करते हुए दिखाया है। इसके अलावा एक अन्य झांकी में बच्चे भाईचारा का संदेश दे रहे हैं।
75 साल से अनंत चतुर्दशी की झांकी में शामिल हो रहे होप टेक्सटाइल्स की दो झांकियों में भगवान गणेश के मस्तक की स्थापना और शिव तांडव नृत्य को दिखाया गया था।
कला आकलन संस्था द्वारा झांकी में महाभारत का दृश्य बताया गया। इसमें भगवान श्रीकृष्ण महाभारत युद्ध में अर्जुन का रथ चलाते दिख रहे हैं और वे अर्जुन को गीता का उपदेश भी दे रहे हैं।
महावीर व्यायाशाला की झांकी में भगवान हनुमान को वीर योद्धा के रूप में दिखाया गया है। उनकी झांकी के साथ हनुमान चालीसा और जय-जय-जय बजरंगबली जैसे भजन बजाए जा रहे थे।
श्री शास्त्री कॉर्नर नवयुवक मंडल की झांकी में भगवान विष्णु का वराह अवतार दिखा। साथ ही भगवान विष्णु को शेषनाग पर बैठा दिखाया। उनकी नाभि से निकले कमल पर भगवान ब्रह्मा विराजित दिखे।
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